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( मार्च २४, १९२० )
बम्बई खिलाफत कान्फरेंस में महात्माजी ने निम्नलिखित भाषण किया था:--
मैं अतिशय प्रसन्न हूं कि मुझे इस कान्फरेन्स में मुख्य प्रस्ताव
उपस्थित करने का अवसर मिला है । कुछ कहने के पहले मैं
इस सभा के संचालकों को बधाई देना चाहता हूं कि इस जलसा-
को शान्तिमय रखने में उन्हें असीम सफलता मिली है । हमलोगों को बार बार चेतावनियां दी गई है कि इस तरह कारोबार बन्द कर देने से उपद्रव उठ सकता है । पर बम्बई ने जिस शान्ति का
दृश्य उपस्थित किया है उसके लिये खिलाफत कमेटी को बधाई
है। हड़ताल जितनी जबर्दस्त थी उतनी ही प्रेरणा रहित थी ।
किसी तरह का दबाव नहीं डाला गया था । मुझे इससे और
भी प्रसन्नता है कि कमेटी ने मेरी राय मान ली और मिलके मजूरों को हड़ताल करने की राय नहीं दी ! इस समय मिलों के मालिकों और मजरों में विचित्र तनाव और बैंचातानी हो रही है । इसलिये ऐसी अवस्था में मालिकों की राय विना कामपर न जाने के लिये मजदुरों को उसकांना ठीक नहीं था ।