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खिलाफतकी समस्या
पर किस प्रकार पड़ेगा अर्थात् इससे ब्रिटनकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी या कलङ्कित होगी। जिन लोगोंने ब्रिटिश न्याय पर पूरा भरोसा
करके अपने भाइयोंका रक्त पानीकी तरह बहने दिया क्या वे इस
आचरणको किसी भी अवस्थामें वरदाश्त करेंगे? आहत मुस-
लमानोंको केवल कृतज्ञता प्रकाशसे ही सन्तोष नहीं हो सकता!
इस समय ब्रिटनके लिये दो मार्ग खुले हैं चाहे तो वह तुर्की
साम्राज्यके लिये 'मैण्डेट' जारी करके ससारमें एक बार अशान्ति
और अराजकताका जन्म दे दे चाहे मुसलमानोंके हृदयों पर
'मैण्डेट' जारी करके अपना वचन निबाहे और मर्यादा बढ़ावे।
प्रधान मन्त्रीने अदूरदर्शितासे काम लिया है। यह संकुचित
हृदयता ब्रिटिशकी राजनीतिक कुटिलताका सबसे ताजा उदाह-