असहयोग करना पड़ा तो हम लोग हर तरहसे अहिंसा धारण करेंगे । हिंसाको स्थान न देंगे । हम लोग अपनी जिम्मेदारी
भली भांति समझते हैं । हम लोग भली भांति जानते हैं कि
यदि साधारण हिंसा भी हो गई तो हम लोगोंके उद्देश्योंपर
भीषण आघात पहुंचेगा और हमारा मार्ग कंटकाकीर्ण हो जायगा
और हम लोगोंका परमपवित्र ध्येय कलङ्कित हो जायगा । इस
लिये हम लोग असहयोग व्रतको ग्रहण करके इस बातकी सदा
चेष्टा करेंगे कि जहां तक हो सके हम लोग सरकारको किसी
तरहकी वाधा न पहुंचावें और जनताके उत्तेजित भावोंको
सदा नियन्त्रित रखें ।
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( जुलाई ७, १९२०)
बड़े लाटको सेवामें खिलाफत डेपुटेशनने जो प्रार्थना की
थी तथा उसके सम्बन्धमें मैंने जो खुली चिट्ठी लिखी थी उनकी
विलायती पत्रोंने कड़ोसमालोचना की है। टाइम्स आफ इण्डिया
पत्र प्रायः निरपेक्ष रहा करता है और पक्षपात रहित मत प्रगट
करता है, पर इस बार उसने भी भिन्न रूप धारण किया है और
मुसलमानोंके डेपुटेशन तथा मेरे पत्रके उन शब्दोंकी---जिनमें