पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/५७८

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खिलाफतकी समस्या

हाथमें है।...हम लोग तो इतना भी सन्देह नहीं करते कि हमारे अंग्रेज मित्र केवल विस्तारके लिये ही इस प्रकारकी बाते निकाल रहे हैं। जैसे ब्रिटन फारसपर कब्जा बनाये रखनेके लिये भार तके साथ उसे स्थल मार्गसे जोड़ देना चाहता है।"

ब्रिटनके पक्षपाती भी इन बातोंसे क्या परिणाम निकाल सकते हैं? इससे यही परिणाम निकलता है कि मिस्टर लायड जार्ज, मिस्टर मिलनर और मिस्टर चचिलके नेतृत्वमें ब्रिटिश साम्राज्यवाद तुर्कीके साथ कीगई सन्धिके जिम्मेदार है।

इसके अतिरिक्त डेलो मेलका कहना है कि फरांसीसी लोग इस सन्धिकी शर्तोंमें सुधारको चर्चा कर रहे हैं। यदि यह सच है तो उपरोक्त कथनकी और भी पुष्टि हो जाती है। इस उपरोक्त कथनका प्रतिवाद किया गया है पर उस प्रति-वादसे भी यही व्यक्त होता है कि फांस सुधारका पक्षपाती है। प्रतिवादके निम्नलिखित शब्द हैं :-

"पेरिससे सरकारी तौर पर सूचना निकली है कि "डेली मेलका कहना गलत है। यह सच है कि फांस हर तरहकी सुविधा देनेको तैयार है जिससे तुर्क लोग सन्धिकी शर्तों को स्वीकार कर उसका पालन कर सके पर वह सुधारकी चर्चा तबतक नहीं कर सकता जबतक तुर्क लोग उस पर हस्ताक्षर न

इतना प्रमाणोंके होते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि