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पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/९४

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विचक्रशासन की कठोरता प्राट कर दी और उसे बहुत स्पष्ट उपमें दिखला दिया। यह युवराज के आगमन को घटना थी। मैं नहीं समझता कि कोई भी मनुष्य युवराज के आने का अत्यधिक उत्साहपूर्वक अभिलाषी था। कम से कम मेरी तो यह इच्छा न थी। जहां तक मुझसे बन पड़ा मैंने इस यात्रा का विरोध किया, किन्तु युवराज का आगमन हो ही गया। आखिर,जब असहयोगियों ने उनका स्वागत न करने की घोषणा की तब क्या हुआ? परिणाम यह हुआ कि इस विरोध के होते हुए भी उसे सफल करने के लिये सरकार को अपने अभिगत सारे साधनों का प्रयोग करना पड़ा। उसने दमन के उन सब कानूनों का प्रयोग किया जो उसके विचारों में आ सके। इसका यह नतीजा हुआ कि उदार मतवादी जनता तथा नरमदल वालों ने भी सरकार के साथ कानून और अमन की रक्षा में उस सहयोग से हाथ खींच लिया जिसकी प्रतिज्ञा वे कर चुके थे। इससे द्विलक्रशासन का अप्रिय स्वरूप और भी स्पष्ट हो गया। मैं इसका वर्णन यह दिखलाने की इच्छा से करता हूँ कि सरकार की ही करतूतसे धप्रणाली को घुराई प्रत्येक मनुष्य पर प्रगट हो गयी थी।

युक्सज के लिये शान्त वातावरण को आवश्यकता।

युवराज की पात्रा समय शान्तधातावरण प्राप्त करने के निमित्त बहु संस्थक तथा विविध प्रकार के दमन-विधानों का