पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/११७

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रश्मि रेखा क्या है तव नयनों के पुट में क्या है तव नयनों के पट में ? चोटो दूर देश के वासी वे लोचन-सपुट जिनकी स्मृति रहती है हिग में अरुणा सी । मैंने तो कितने ही संचित मावतर देखे हैं डामें मैंने तो युग-युग के अपने सपने भी देखे हैं उनमें मै तो जन्म-जन्म से ही प्रिय बधा हुआ हू अजन-गुण में । मैंने उनमें निज को देखा देखी अपनी लगन पियासी पर उनमें क्या है ? कुछ तुम भी बोलो मेरे अतर-वासी। ८