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रश्मि रेखा मेरे प्रियतम, मेरे मगल मेरे प्रियतम मेरे भगल क्या है तुम्हें स्मरण वे कुछ क्षण उस दिन उस चपक तरु के तल ? मेरे प्रियतम मेरे मगल । अरुण अरुण दिंग मणि पश्चिम के दिङ मण्डल को चूम रहा था नीड-सदन गमनोत्सुक खग फुल उस क्षण नम में घूम रहा था पीकर रजित रवि-किरणासप यह अम्बर भी झूम रहा उस दिन तुमने विहस कहा था तुम यो क्यों होते हो विहल ? मेरे प्रियतम मम मुद मगल । या