पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/१३९

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रविम रेखा तुम चिरकाल हॅसो, फूलो मेरी अर्थ मुकुलिते कलिके तुम चिरकाल हसो फूलो मेरी सूखी सी डाली पर तुम सतत झूला झूलो तुम चिरकाल हसी फूलो। इतने नव Qम छोड पधारी इस दिशि विहस कुसुम रानी मेरी ये सूखी बल्लरियाँ सिहर उठी नषरस सानी है कितना अमाप मम सुख यह कैसे जसलाए पाणी । सुमने विहस मथा अतर तर हृदय किया पानी पानी चिर सुहाग वानिनि मानिनि मम मुझ पर सन्तत अनुकूलो तुम चिरकाल हसा फूलो।