पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/१५०

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रश्मि रेखा (५) फिर आएगी अषा हसती फिर होगा बिहान चिर सुन्दर फिर से नव भैरवी छिडेगी फिर होगी पखों की फर-फर फिर से अरुण छटा छाएगी फिर होगा द्रम दल का ममर फिर से समुद बहगा सन सन स न-न स न न जागरण समीरण लख अम्बर में तमावरण पन क्षण क्षण क्यों अकुलाए लोचन । केद्रीय कारागार बरेली दिनांक नबम्बर १९४३ }