पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/१६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

रश्मि रेखा हम अनिकेतन हम अनिकेतन हम अनिकेतन हम तो रमते राम हमारा क्या घर ? क्या दर ? कैसा वेतन ? हम अनिकेतन हम अनिकेतन । अब तक इतनी यों ही काटी अब क्या सीख नव परिपाटी ? बनाए आज घरौदा हापों घुन चुन ककड माटी बाट फकीराना है अपना बाघम्बर सोहे अपने तन हम अनिकेतन हम मानिकेतन ।