पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/५४

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रश्मि रेखा प्राण, तुम मेरे हृदय दुलार प्राण तम मेरे हृदय दुलार अभिय-मय मेरे करुणागार प्राण तुम मेरे हृदय दुलार ! तुम मेरे दिवसों के उधम मम निशीथ के स्वप्न तुम मेरे जीवन विहान की नव अरुणा छवि-सार: प्राण तुम मेरे हृदय दुलार ! (२) तुम मेरे कौमार्य काल की चपल फेलि अमिराम तुम मेरे यौवन-पसत के उच्छल मद अमिसार प्राण तुम मेरे हृदय दुलार !