पृष्ठ:रश्मि-रेखा.pdf/६५

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रश्मि रेखा तुम मम मन्दार-सुमन तम मम विंद्र म लतिका तम मम मदार-समन तुम मम मृद पारिजात तुम मम यूथिका चयन तुम मम मदार सुमन । पर शत-शान सौदर्य सार न्यौछावर है तम अति अतालित सोकमार्य है तब पग-गति पटतर सरसिज-कमल से भी न दर है हा हिय-हर तम मेरे राका पति है चकोर मम लोचन तम मम मदार सुमन । मदार सुमन-प्रपाल पुष्प अथवा स्वग सुमन २८