पृष्ठ:रहीम-कवितावली.djvu/८८

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बरवै नायिका-भेद । अनूढ़ा- मोहिं बर जोग कन्हैया, लागउँ: पाय । तुमको पुजउँ देवतवा, होहु सहाय ॥ १४॥ .. . परकीया (ऊदा) के ६ भेद। भूत-गुप्ता- चूनत फूल गुलबवा, डार कटील । टुटिगौ बन्द अगिप्रवां, फटु पट नील ॥ १५ ॥ अब नहिं तोहिं पढावों, सुगना सार । परिगो दाग अधरवा, चोंच तुचार ॥ १६ ॥ भविष्य-गुप्ता- होइ कत कारि बदरित्रा, बरखत पाथ । जै हौ धन अमरईश्रा, संग न साथ ॥ १७ ॥ जै हौं चुनन कुसुमिश्रा, खेत बड़ि दूरि । चेरिया केरि छोकरिश्रा, मोहिं सँग कूरि ॥ १८ ॥ वचन-विदग्धा- तोरेसि नाक नथुनिश्रा, मितं हित नीक। . कहेसि नाक पहिरावहु, चित दै सींक ॥ १६ ॥ क्रिया-विदग्धा- बाहर लै कै दिवा, बारन जाइ । - सासु-ननँद घर पहुँचत, देत बुताई ॥ २० ॥ १५-१-आँगी-चोली। १७-१-पीतम, २-बाटिका । १८-१-कुसुम के फूल, २-छोकरी-लड़की । १६-१-मीत-मित्र-प्रिय । २०-१-दीप, २-बुझा देती है। ।