पृष्ठ:राजविलास.djvu/४३

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राजबिलास।

रावर गात्र गिरु आजस गज्जय । तीखे अरि तनु तेह सु तज्जय ॥ रावर हंस मदन सम रूपह । भेटहि जसु पय बड बड भूपह ॥८॥

____ भटू रावर जास महा भट । कृतब उच निज राखन कुल वट ॥ भटेबरा नप तातें भनियहि । अति अवगाढ़ सुभट सिरि गिनियहि ॥८।।

बैर सिंघ रावल अतुली बल । देषिय सायर सरिस जास दल ॥ महण सीह रावर महिमागर । नूर जास नित २ नर नागर ॥ १० ॥

करमसीह उच कृत कीनह । पदम सीह रावर सु प्रवीनह ॥ जैत सीह रावर जोधा रह। सुनियहि तेज सिंह सिरदारह ॥ ११ ॥

समर सीह राघर जस सारह । श्री पीराज रास सु बिचारह ॥ पृथा सोम चहुमान सु पुत्तिय । पानि ग्रहन संभरि पुर पत्तिय ॥ १२ ॥

• दलिय युद्ध जयचंद पंग दल । समर सीह रावर . दल संकुल ॥ संपत्ते दिल्लीस सहाइय । पथीराज चहुमांन सु पाइय ॥ १३ ॥

रावर चौड हिंदु मग राखन । बसुधा नायक बीर विचक्षन ॥ षण दाता ग्याता पल घायक । सबल ज्यष्पन प्रबल सहायक ॥ १४ ॥