पृष्ठ:राजसिंह.djvu/१४९

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, १३४ राजसिंह [ग्यारहवाँ निर्मला-रोने से क्या होगा ? राजकुमारी तब तू हँस, हँसने से शायद कुछ हो जाय । निर्मला ~समय आवेगा तब हँसू गी, अभी काम की बात करो। राजकुमारी-काम की बातें क्या हैं । निर्मला-कुछ उपाय सोचना होगा। राजकुमारी-उपाय कैसा ? शाही सेना परसों यहाँ आ पहुँचेगी। भाई ने तो बादशाह का साला बनने का इरादा पक्का कर ही लिया है। उन्हें इस सिलसिले में जागीरें मिलेंगी। अब मुझ अबला का रक्षक कौन है ? निर्मला-रक्षक भगवान हैं। पर हमें रोकर नहीं, बुद्धि लड़ाकर काम करना चाहिये। राजकुमारी-तू बुद्धि लड़ाकर देख । निर्मला-एक युक्ति है। राजकुमारी- -क्या ? निर्मला-उद्यापन व्रत करो। कुमारी-किसलिये ? सुहाग रहे इसलिए ? निर्मला यह बात अभी रहे । अभी तो इसका गूढ़ उद्देश्य यह होगा कि ३ दिन का हमें और समय मिल जायगा। . तीन दिन अभी बाकी हैं। ६ दिन में कुछ न कुछ हो ही रहेगा। राजकुमारी-क्या होगा ? बादशाह की विपुल सेना तीन दिन में सारे कुए तालाबों का पानी पी जायगी। सारे नगर