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पृष्ठ:राजसिंह.djvu/१६

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राजसिंह पहिला अङ्क पहिला दृश्य (स्थान-उदयपुर का एक प्रधान बाजार। समय प्रात:काल। दो नागरिक सड़क पर खड़े बातचीत कर रहे हैं। बाज़ार बन्दगवार और पताकाओं से सजा हुआ है।) एक नागरिक-रत्नतुला । सुना तुमने ? दूसरा नागरिक-सुनने की एक ही कही। मैं इन्हीं आँखों से देखकर आ रहा हूँ। पहिला नागरिक-सच ? तो तुम श्री एकलिङ्ग गये थे ? दूसरा-नहीं तो क्या, तुम्हें तो मालूम ही है वहाँ मेरी साली का घर है। वही जो......... पहिला-(बात काटकर) तो तुमने महाराणा का रत्नतुला अपनी आँखों से देखा?