पृष्ठ:राजसिंह.djvu/१८५

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१७० राजसिंह [छठा राणा-तो सबकी यही राय है। सब सार-सब की यही राय है। राणा-तब यह पत्र ही रण निमन्त्रण की पूर्णाहुति हो । दीवानजी, पत्र दिल्ली व्यवस्था के साथ भेज दिया जाय । साथ में दो तलवार एक नंगी और दूसरी म्यान सहित। दीवान-जो आज्ञा, दर्बार । (पर्दा गिरता है)