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पृष्ठ:राजसिंह.djvu/४४

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दृश्य] पहिला अंक है। हिन्दुस्तान के इस सिरे से उस सिरे तक दीने इस्लाम का सिताराबुलन्द है । मैं चाहता हूँ कि मुल्क में दीन की इज्जत बढ़ाई जावे। (बजोर असदुल्ला पाते हैं) बादशाह-जोधपुर की रानी गिरफ्तार हुई? वजीर-हुजूर, वह कुछ राजपूतों के साथ बचकर भाग गई। बाकी आदमी काट डाले गये । औरतें जल मरी। बादशाह-कौन से गिरफ्तार करने गया था ? वजीर-फौजदार तहब्बर खाँ गये थे जहाँपनाह । बादशाह-और उनके साथ कितनी फौज थी। वजीर-पाँच हजार खुदाबन्द । बादशाह-राजपूत कितने थे ? वजीर-ठीक अर्ज नहीं कर सकता। कोई कहते हैं दो सौ थे, कोई कहते हैं पचास थे। बादशाह-(गुस्से से ) और उन्हें लेकर रामी ५ हज़ार शाही फौज को कुचल कर चली गई। वजीर-जहाँपनाह, देखने वाले कहते हैं कि ऐसा नजारा कमी न देखा था। जब रानी बच्चे को पीठ पर बाँध दोनों हाथों से तलवार घुमावी शाही फौज को चीरती हुई चली गई। हुजूर ! लोग सक्त की हालत में आगये। बादशाह-शर्म की बात है ! जसवन्त का लड़का गिरफ्तार