पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/२७९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

उसके मरने के बाद उसके लड़के मदन सिंह को सेनापति के स्थान पर रखा गया। उसके दो लड़के हुए-हिम्मत सिंह और पृथ्वीसिंह । भावसिह [वह पच्चीस सैनिक सवारों को लेकर हलवद से चला था] माधव सिंह मदन सिंह हिम्मत सिंह पृथ्वीसिंह शिवसिंह जालिम सिंह सन् 1740 में जन्म माधव सिंह वप्पालाल इक्कीस वर्ष की आयु राजस्थान के राज्यो में जब मन्त्री, दीवान, सेनापति आदि कोई पदाधिकारी मर जाता है तो राज्य में उसका स्थान उसके लड़के को मिलता है। इस नियम के अनुसार मदन सिंह के मर जाने पर हिम्मत सिंह झाला कोटा राज्य का सेनापति बनाया गया। वह जिस प्रकार नीति कुशल, साहसी और शूरवीर था, उसका वर्णन ऊपर किया जा चुका है। जयपुर के राजा ने मराठो को साथ लेकर जब कोटा राज्य पर आक्रमण किया था तो हिम्मत सिंह झाला ने साहस पूर्वक कोटा के दुर्ग की रक्षा की थी। परन्तु उस समय कोटा राज्य चारो ओर से विरा हुआ था। इसलिए हिम्मत सिंह के परामर्श से कोटा के राजा ने मराठों से सन्धि करके उनको कर देना मन्जूर कर लिया था। राजा दुर्जनशाल के मरने के बाद हिम्मतसिंह ने अजीत सिंह को कोटा के सिंहासन पर बिठाया था। हिम्मत सिंह के कोई लड़का न था। इसलिए उसने अपने भतीजे जालिम सिंह को गोद ले लिया था। हिम्मत सिंह की मृत्यु के बाद जालिम सिंह कोटा राज्य का सेनापति बनाया गया। जालिम सिंह ने झटवाड़ा के युद्ध में आमेर राज्य की सेना के साथ भीपण युद्ध किया था और कोटा राज्य की रक्षा की थी। परन्तु इसके बाद कोटा राज्य की राजनीति में 273