पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/३३३

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कर्मचारी बहुत प्रसन्न होते थे, वह जब शिकार खेलने के लिए जाता था तो ऊँटों पर आटा, घी, शक्कर, तरकारी और खाने-पीने की बहुत सी चीजें साथ जाया करती थी। वह सब के साथ जंगल पहुँच कर जव शिकार खेलने चला जाता था उस समय आयी हुई सामग्री से भोजन बनाने का कार्य आरम्भ हो जाता था और शिकार खेलकर लौटने के वाद सभी लोग वेठकर भोजन करते थे। इसके बाद जालिम सिंह जंगल में बैठकर बातें करता जो उस समय राज्य के अनेक कार्यों के सम्बन्ध में वह लोगों के विचारों को जानने की कोशिश करता। उस समय खेती और दूसरे व्यवसायों के सम्बन्ध में उपस्थित लोगों के साथ बातें किया करता था। जालिम सिंह शासन करने में बहुत कठोर था और अपराधियों को वह कभी क्षमा नहीं करता था। उसका विश्वास था कि विना कठोर व्यवहारों के शासन की व्यवस्था कभी ठीक नहीं रह सकती। इसलिए वह इस विषय में कभी शिथिलता से काम नहीं लेता था। राज्य की दूसरी उलझनों और आपसी विरोधी बातों तथा विद्रोहों के समय भी जालिम सिंह का शासन कभी शिथिल नहीं पड़ा था। प्रत्येक परिस्थिति में वह शासन के प्रबन्ध को कभी कमजोर नहीं होने देता था। यही कारण था कि कोटा राज्य में अपराधी लोग बहुत डरा करते थे। अच्छे और बुरे आदमियों के पहचानने की जालिम सिंह में अद्भुत क्षमता थी। वह राज्य के कर्मचारियों में कभी खराब आदमियों को नहीं रखता था। सिफारिशों पर वह विश्वास नहीं करता था। उसका विश्वास था कि राज्य का अच्छा शासन अच्छे आदमियों पर निर्भर होता है। अपने इन सब गुणों के साथ जालिम सिंह अच्छा सैनिक और सेनापति था अनेक अवसरों पर उसने कोटा राज्य की रक्षा की और उसके गौरव को बढ़ाया। उन अवसरों पर यदि जालिम सिंह न होता तो कोटा राज्य को किस प्रकार के दिन देखने पड़ते, यह नहीं कहा जा सकता। 327