पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/३३४

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ऐतिहासिक यात्रा मारवाड़ की तरफ । 11 अक्टूबर सन् 1819 ईसवी-भारतवर्ष के अत्यन्त रोमांचकारी उदयपुर राज्य की भूमि में जब मैंने पदार्पण किया था, उस समय से लगभग दो वर्ष अब तक बीत चुके हैं। हम लोगों को कोई भी आदमी अब तक इसकी छ: मील की सीमा के बाहर नहीं जान सका था। इस राज्य के प्रत्येक स्थान, मार्ग, पर्वत, शिखर, दुर्ग, देवालय, धर्मशाला, मीनार और उसके वृक्षो के साथ मेरा परिचय हो गया है। मैने उन सबको सम्मान के साथ देखा है और राज्य के प्रत्येक मन्दिर, शिवाला और धर्मशाला को देखने में मैंने एक अद्भुत सुख का अनुभव किया है। यहाँ के समस्त टूटे-फूटे स्थानों और मुकामों का मैंने अपने नेत्रों से भली-भाँति अवलोकन किया है। ऐसा करने में मुझे अत्यधिक सुख मिला है। मैंने इन सभी स्थानो को देख-देखकर उनकी ऐतिहासिक खोज की है। राज्य के सामन्तो से भेंट की है और उनके विपयों पर मैंने उनसे बातें की हैं। यही नहीं; सामन्तों के कर्मचारियों और उनके मन्त्रियो से भी मैने भेंट करके उनसे भली प्रकार जानकारी ली है। मैंने उनके सब भावों और व्यवहारों को समझने की कोशिश की है। राज्य के प्रत्येक स्थान पर सम्मान के साथ मुझे सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं। मुझको किसी समय अभावों का अनुभव नहीं हुआ। जहाँ ऐसी जरूरत पड़ी है, बहुत आसानी के साथ वहाँ के लोगों के द्वारा उनकी पूर्ति हुई है। राजस्थान में उदयपुर का नाम बहुत प्रसिद्ध है। उसकी सभी बातों को जानने के लिए मेरे साथ का प्रत्येक आदमी पहले से ही बहुत उत्सुक था और मैं स्वयं भारतवर्ष के उस प्रसिद्ध नगर को सभी प्रकार से जानना और समझना चाहता था, जो उदयपुर के नाम से विख्यात था। इसी प्रकार यह दिन मेरे सामने आया। मैंने प्रसन्न होकर अपने सहयोगियों के साथ मेवाड़ से मारवाड़ की तरफ जाने की तैयारी की। मेवाड़ और मारवाड़ में बहुत अन्तर है। इस अन्तर को यहाँ पर स्पष्ट कर देना जरूरी मालूम होता है। मेवाड़ जितना ही सुख और सुविधाओं से परिपूर्ण है, मारवाड़ की मरुभूमि उतनी ही कष्टों और कठिनाइयों से भरी हुई है। इतना सब होने पर भी पर्यटन और अनुसंधान सम्वन्धी उत्सुकता के कारण वहाँ की कष्टपूर्ण और कठोर यात्रा हम लोगों को किसी प्रकार निरुत्साहित न कर सकी। हमारे साथ कसान बाग, लेफ्टिनेन्ट केरी, डॉक्टर डंकन, पहरेदारों का एक दल और पैदल तथा सवारों की दो पलटने थीं। उदयपुर की घाटी छोड़ने के लिए हमारे साथ के सभी लोग उत्सुक थे। इसका एक कारण यह भी था कि बरसात के कारण यह घाटी स्वास्थ्य 328