पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/३५५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

मैं भी वहीं बैठ गया और उस दल के लोग जो आपस में बातें कर रहे थे, उनको सुनने लगा। कदाचित् आपस में इस प्रकार की बात करके वे लोग रात का समय काट रहे थे। वे आग के सहारे बैठे थे। उन लोगों में जो वाते हो रही थीं, वे दिलचस्प थीं और सुनने में बड़ी प्रिय मालूम होती थीं उनकी बातें मुझे बहुत दिनों तक याद रहेगी। लेकिन उनका क्रम और तरीका मुझे याद न रह सकेगा। मैं जानता हूँ कि इस स्थान पर हम लोगों के आदमियों ने अनेक मौकों पर यहाँ के पहाड़ी लोगों से युद्ध किया था और उनमें से वहुतों को यहाँ पर मार डाला था। वे घटनायें अव पुरानी हो चुकी हैं। पहले का समय भी अव नहीं रह गया। इन पहाड़ियों पर रहने वाले भील लोग अब पहले की तरह लुटेरे नहीं रह गये। अव उनमें कुछ अच्छी आदतें आ गयी हैं। 349