जोधपुर में जो सम्पत्ति और सामग्री लूटी गयी थी, जगतसिंह ने सव की सब जयपुर भेज दी थी। मारवाड़ की विद्रोही सेना इस बात को सहन न कर सकी और उसने रास्ते में ही आक्रमण करके उस सम्पत्ति और सामग्री को लूट लिया। इस विद्रोही सेना के साथ मारकाट में जयपुर के बहुत-से सैनिक मारे गये और जगतसिंह स्वयं युद्ध से भाग गया । जगतसिंह युद्ध से भागकर जयपुर चला गया। मेवाड़ पर चढ़ाई करने के लिए उसने बहुत से सैनिकों की भर्ती की थी। वे युद्ध में काम न आ सके। उसकी पराजय का वह कारण हुआ। जयपुर पहुँच कर वह भयानक संकट में पड़ गया। जिन अगणित जनों को उसने अपनी सेना में भर्ती किया था, उनके वेतन वह न दे सका और इसका परिणाम उसके । लिए भयानक हो उठा। मारवाड़ में मानसिंह के विरुद्ध जो विद्रोही पैदा हो गये थे, वे अब कमजोर पड़ने लगे। अमीर खाँ शुरू में मानसिंह के शत्रुओं के साथ था। उसके बाद वह राजा मानसिंह से मिल गया और मारवाड़ के कल्पित राजा का विनाश करके वह मानसिंह को प्रसन्न करने की चेष्टा करने लगा। अमीर खाँ न केवल राजनीतिज्ञ था, बल्कि वह धूर्त और कूटनीतिज्ञ भी था। वह जिसको मिटाना चाहता था, उसके साथ वह अपने हृदय का गहरा स्नेह प्रकट करता था। अपनी इसी आदत के अनुसार अमीर खाँ ने उस कल्पित राजा के साथ व्यवहार आरम्भ किया। एक मस्जिद में दोनों ने बैठकर मित्रता की गाँठ बाँधी । मानसिंह का विद्रोही मारवाड़ का वह कल्पित राजा अमीर खाँ की चालों को समझ न सका। उसकी मित्रता को पाकर वह बहुत प्रसन्न हो उठा और अपने यहाँ नाच और गाना शुरू कराके अपने सुखु सौभाग्य का अनुभव करने लगा। इसी अवसर पर, जब वह कल्पित राजा अपने यहाँ नाच-गाने में मस्त हो रहा था, अमीर खाँ ने उस पर आक्रमण किया और बड़ी निर्दयता के साथ उसने उन सब का संहार किया। उस कल्पित राजा के मिट जाने से मारवाड़ मानसिंह के जो विरोध हो रहे थे, सब समाप्त हो गये। राणा की लड़की कृष्ण कुमारी ने सोलहवें वर्ष में प्रवेश किया। वह अत्यन्त रूपवती गुणवती, स्वस्थ और सुशील थी । उसकी प्रशंसा दूर-दूर तक फैल रही थी। उसके मन और शरीर की यह अच्छाईयाँ उसके लिए दुर्भाग्य बन गयीं। इस प्रकार की घटनायें और भी कभी-कभी संसार के सामने आयी हैं। रोम की प्रसिद्ध वर्जीनिया को भी अपनी सुन्दरता और श्रेष्ठता के कारण प्राण देने पड़े थे। और यूनान की महान सुन्दरी इफीजीनिया को अपने अटूट रूप और सौन्दर्य के कारण प्राणों का उत्सर्ग करना पड़ा था।2 अमीर खाँ ने विश्वासघात के द्वारा मारवाड़ के कल्पित राठौर राजा का संहार किया। उसके बाद वह उदयपुर आया। राणा के दरबार में बड़े सम्मान के साथ वह लिया गया। समय पाकर अजितसिंह ने कृष्ण कुमारी के विवाह के सम्बन्ध में उससे परामर्श किया। अमीर खाँ ने अजितसिंह को साफ-साफ बताया कि राणा को अपनी लड़की कृष्णकुमारी का विवाह मानसिंह के साथ करना पड़ेगा और यदि वह ऐसा नहीं करता तो कृष्ण कुमारी को अपने प्राणों का अन्त करना पड़ेगा। वर्जीनिया रोम के विख्यात व्यूसियस की लड़की थी ! एपियस क्लडियस नाम के एक चरित्रहीन व्यक्ति ने वर्जीनिया को उसके माता-पिता से बलपूर्वक छीनकर ले जाने की कोशिश की थी। उसका पिता जब अपनी लड़की की रक्षा करने में असमर्थ हुआ तो उसने अपने हाथों से उसको मारकर उस नराधम से उसकी रक्षा की। यह घटना 449 वर्ष पहले हुई थी। .2. इफीजीनिया यूनान के एगेमेनन की लड़की थी। एलिस नाम के टापू में यूनान वालों का जब जंगी जहाज रुक गया तो डियाना देवी को प्रसन्न करने के लिए एगेमेनन ने उस देवी के सामने अपनी बेटी की बलि चढ़ाई थी। यूनान के पुराने ग्रन्थों में कुछ मतभेद के साथ इस घटना का समर्थन मिलता है। 1. 309
पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/३०९
दिखावट