अपने-अपने नाम से राज्यों की स्थापना की थी। बुन्देलखण्ड में कालिंजर का प्रसिद्ध किला है और आज तक अपनी अनेक वातों के लिये प्रसिद्ध है। केरल द्वारा स्थापित केरल देश मलबार से मिला हुआ है। इसी को कोचीन कहते हैं। पाण्ड्य का स्थापित किया हुआ राज्य मलवार के दूसरे किनारे पर है जो पाण्ड्य मंडल अथवा पांड्य राज्य के नाम से प्रसिद्ध है। चोल सौराष्ट्र प्रदेश में प्रसिद्ध द्वारका के पास बसा हुआ है। वभ्रु से एक दूसरे वंश की शाखा निकली और उसके चौतीसवें राजा अंग ने अंगदेश की स्थापना की। उसकी राजधानी चम्पामालिनी थी। इसकी स्थापना कन्नौज के साथ-साथ ईसा से 1500 वर्ष पहले हुई थी। राजा अंग के नाम से उसका वंश चला और प्राचीन हिन्दुओं के इतिहास में अंगवंश को बड़ी ख्याति मिली। इस वंश का अंत पृथुसेन के साथ हुआ। मनु तथा वुध से लेकर राम, कृष्ण, युधिष्ठिर एवं जरासंध तक सूर्य और चन्द्रवंश के सम्बंध में ऊपर संक्षेप में लिखा गया है । इन प्रसिद्ध दोनों वंशों के सम्बन्ध में वहुत-सी काम की बातों का स्पष्टीकरण हो गया है, इस बात की आशा करना चाहिए। 31
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