पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/३४४

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न आना अकबर के असन्तोष का कारण बना। उसने मालदेव के इस अहंकार का बदला लेने के लिये रायसिंह को जोधपुर का भी अधिकारी बना दिया। चन्द्रसेन राजा मालदेव के भेजने से अकवर के पास गया था। परन्तु वहाँ के व्यवहारों से उसके स्वाभिमान को जो आघात पहुँचा, उसे किसी प्रकार उसने सहन किया। इन्हीं दिनों में मुगलों की एक सेना ने मारवाड़ के सिवाना नगर पर आक्रमण किया। मुगलों. की उस सेना का सामना करने के लिये राठौड़ों की एक सेना लेकर चन्द्रसेन युद्ध करने गया और वहाँ पर वह मारा गया। उस समय उसके तीन लड़के थे। उग्रसेन उनमें बड़ा था। सम्वत् 1625 सन् 1569 ईसवी में मालदेव की मृत्यु हो गयी। उसके निम्नलिखित बारह लड़के थे रामसिंह, पिता के निकाल देने पर वह मेवाड़ के राणा के पास चला गया। उसके सात लड़के थे। उनमें पाँचवें पुत्र केशवदास. का कुछ उल्लेख पाया जाता है। केशवदास ने चोली महेश्वर नामक स्थान पर अपना निवास स्थान बनाया था। रायमल, बियाना के युद्ध में मारा गया । उदयसिंह, मारवाड़ का राजा। 4 चन्द्रसेन, झाला वंश की राजपूत रमणी से पैदा हुआ था। इसका वर्णन ऊपर किया जा चुका है। चन्द्रसेन के तीन लड़के हुये । उग्रसेन उनमें सबसे बड़ा था। उसे भिनाय नामक स्थान का अधिकार मिला था। उग्रसेन के भी तीन लड़के पैदा हुये- कर्ण, कान्ह जी और काहस जी। आस कर्ण, इसका वंश आज भी जूनिया नामक स्थान में पाया जाता है। 6 गोपालदास, ईडर नगर में मारा गया। पृथ्वीराज, इसके वंशज अब तक जालौर में पाये जाते हैं। 8 रतनसिंह, इसके वंशज भद्राजून में रहते हैं। 9 भोजराज, इसके वंशज अहारी में पाये जाते हैं। 10- विक्रमाजीत भान इनके सम्बन्ध में कोई उल्लेख नहीं मिलता। 2- 3- 5- . 7- 11- 12- X मालदेव के मरने के बाद उसका बड़ा बेटा उदयसिंह उसके सिंहासन पर बैठा। उसके कुछ ही समय के बाद उसने अपनी बहन का ब्याह मुगल राजघराने में कर दिया। 390