पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/४७१

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पीड़ित राजपूतों की राजनैतिक अवस्था को बदलने के लिए पूरे तौर पर कोशिश की है और कंपनी का भीतरी अभिप्राय यह है कि जो राजपूत इस प्रकार निर्वल बना दिये गये हैं, वे फिर से शक्तिशाली हो सकें, उनकी इसी शक्ति पर उनके राज्यों में शांति कायम होने की संभावना हो सकती है। मारवाड़ की वर्तमान राजनीतिक दुरवस्था में ईडर राज्य के स्वर्गीय राजा जोधा के एक वंशधर को यहाँ के सिंहासन पर विठा देना हमको वहुत आवश्यक मालूम होता है। इस समय वड़ी बुद्धिमानी और दूरदर्शिता से काम लेने की आवश्यकता । राज्य के सामन्तों ने राज्य छोड़ दिया है । उनके प्रति वर्तमान अवहेलना अच्छा परिणाम नहीं पैदा कर सकती। सामन्तों ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अपने मामलों में मध्यस्थ बनाने की प्रार्थना की है। हमारी समझ में मानसिंह और सामन्तों का मामला सुलझ जाना आवश्यक है। यदि ऐसा न किया गया तो भविष्य भयानक हो सकता है। हमने मारवाड़ की वर्तमान परिस्थितियों को सभी प्रकार समझने की चेष्टा की है । अंग्रेजों के हृदय में राजपूतों के प्रति सहानुभूति है। किसी भी दशा में मारवाड़ की परिस्थितियाँ बदलनी चाहिये और राजपूतों को एक होकर उत्थान के मार्ग में आगे बढ़ना चाहिये। जोधपुर के राज सिंहासन पर यदि ईडर का राजकुमार विठाया जा सके तो विना किसी संदेह के वर्तमान संघर्षों का अंत हो जायेगा। अगर सभी राठौड़ मिलकर और एक स्थान पर बैठ कर इस प्रश्न का निर्णय करें तो निश्चित रूप से ईडर के राजकुमार को सिंहासन पर बैठाने के पक्ष में राठौड़ों का वहुमत रहेगा। अगर ऐसा किया जा सके तो मारवाड़ राज्य का भविष्य उज्ज्वल वन सकता है। इस राज्य में शांति कायम हो सकती है और ईस्ट इंडिया कंपनी को इस राज्य के सम्बंध में जो चिंता हो रही है,वह मिट सकती है । 517