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पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/४८६

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बीकानेर का इतिहास राव बीका द्वारा बीकानेर राज्य की स्थापना राजस्थान के राज्यों में बीकानेर का स्थान दूसरी श्रेणी में है। यह राज्य मारवाड़ की एक शाखा है। इसके राजवंशी राठौर वंशज हैं। बीकानेर के जिस प्रथम राजा ने इस राज्य की प्रतिष्ठा की थी, उसके पूर्वज राठौर वंशी थे। राठौर राजा जोध प्राचीन राजधा मन्डोर को छोड़कर जोधपुर का निर्माण किया था, इसका वर्णन मारवाड़ के इतिहास में किया जा चुका है। बीका राजा जोधा का दूसरा लड़का था। नवीन राजधानी जोधपुर का निर्माण हो जाने के बाद और मन्डोर से जोधा के जोधपुर में आ जाने के पश्चात् वीका अपने चाचा काँधल के साथ मरुभूमि में अपने राज्य का विस्तार करने के लिये निकला। उसके साथ तीन सौ राठौरों की एक सेना थी। बीका के जोधपुर से निकलने के पहले उसके भाई बीदा ने मोहिलों पर आक्रमण किया और उनके राज्य को जीत कर अपने राज्य में मिला लिया। मोहिल लोग बहुत प्राचीन काल से अपने राज्य में रहा करते थे। बीदा की इस सफलता से बीका को प्रोत्साहन मिला। इसलिए वहाँ के दूसरे राज्यों को परास्त करके राठौरों का राज्य बढ़ाने के लिए वह जोधपुर से रवाना हुआ। जोधपुर से रवाना होने के समय बीका ने स्वाभिमान के साथ यह प्रतिज्ञा की थी कि मरुभूमि के जिन राज्यों पर मैं आक्रमण करूँगा, उनको या तो मैं परास्त करूँगा अथवा वहीं पर मारा जाऊँगा। उसकी यह प्रतिज्ञा यहाँ के प्रत्येक राज्य के सम्बन्ध में हुई थी। फिर चाहे वह राज्य मित्रता रखता हो अथवा शत्रुता। इस प्रकार के आक्रमण करके दूसरे राज्यों को परास्त करना और उनको अपने राज्य में मिला लेना राजपूत लोग अपना धर्म समझते थे। जोधपुर से रवाना होकर बीका ने जांगल नामक स्थान पर साङ्खला नाम की एक पुरानी जाति पर आक्रमण किया। उस युद्ध में राठौरों की विजय हुई। उसमें सफलता प्राप्त करने के बाद पूंगल राज्य के भाटी लोगों के साथ बीका का परिचय हुआ। पूंगल का राजा बीका के पराक्रम को देखकर बहुत प्रभावित हुआ और उसने बीका के साथ अपनी लड़की का विवाह कर दिया। पूंगल के राजा को बीका से भय उत्पन्न हुआ था। इसलिए अपनी लड़की का विवाह बीका के साथ करके उसने अपने राज्य की रक्षा की। बीका ने पूंगल के राजा के साथ सम्बन्ध जोड़कर कोड़मदेसर नाम के स्थान पर अपने रहने का निर्णय किया। उसने वहाँ पर एक दुर्ग बनवाया और वहाँ पर रह कर उसने - 532