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राबिन्सन क्रूसो।


पत्थर का हृदय भी बिना पसीजे न रहता। तब फ़्राइडे के बाप ने उन स्त्रियों को बहुत तरह से समझाया कि वे मारी जाने के लिए नहीं, ब्याह करने के लिए बुलाई जा रही हैं।

इस प्रकार वैवाहिक विधि सम्पन्न होने पर अँगरेज़ों ने गृहस्थी की ओर ध्यान दिया। स्पेनियर्ड उन सभों को यथासाध्य सहायता देने लगे। अँगरेज़ों में जो सब से बढ़ कर दुश्शील था उसीको सबसे बढ़ कर सुशीला और गुणवती स्त्री मिली। ईश्वर का विधान और उनकी लीला सर्वत्र ऐसी ही विचित्र देखने में आती है। वे सर्वत्र ही कमी-वेशी और भाव-अभाव को मिला कर परस्पर के न्यूनाधिक्य को पूरा कर देते हैं। और स्त्रियाँ भी पहली की तरह सुशीला और विनीत न होने पर भी गुणहीन न थीं। सभी गृहस्थी के काम में प्रवीण और शील-सम्पन्न थीं। अँगरेज़ों ने अपनी अपनी स्त्री की सहायता से भली भाँति घर का प्रबन्ध कर लिया। घर के चारों ओर वृक्ष रोप कर घेरा बना दिया। उन वृक्षों पर अंगूर की लतायें चढ़ा दीं और पहाड़ को खोद कर एक कृत्रिम गुफा बना कर के विपद आ पड़ने पर छिपने की एक जगह बना ली।

वे तीनों उद्धत अँगरेज़ कोमल-स्वभावा रमणियों की संगत से बहुत कुछ सीधे और शान्त हो गये। किन्तु उन लोगों का आलस्य किसी तरह दूर न हुआ। उन लोगों के खेतों के चारों ओर छोटे पौधों का घेरा था, जिसे लाँघ कर जङ्गली बकरे खेत चर जाया करते थे। कहावत है, 'चोर भागने पर बुद्धि बढ़ती है।' धान चर जाने पर सूखी लकड़ियों से वे उस रास्ते को बन्द करले थे जिधर से बकरे खेत में घुस कर फसल चर जाते थे। वे लोग दिन-रात इसीके पीछे हैरान रहा करते थे।