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पृष्ठ:राबिन्सन-क्रूसो.djvu/३१७

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राबिन्सन क्रूसो।


यदि वे किसी तरह जङ्गल के भीतर की गुफा का पता पा ले तो एकदम सर्वनाश हो सकता है। इसलिए उनको रोक देना चाहिए। वे दोनों असभ्य बहुत दूर पर दिखाई दिये। पर वे गुफा की तरफ़ नहीं, उसकी प्रतिकूल दिशा में अर्थात् समुद्र की ओर जा रहे थे। यह देख कर अँगरेज़ निश्चिन्त हो उस पेड़ के नीचे लौट आये जहाँ वह बन्दी असभ्य था। वहाँ आकर देखा रस्सी पड़ी है, बन्दी का कहीं पता नहीं। अँगरेज़ों ने समझा कि उसके साथी बन्धन खोल कर उसे ले गये होंगे।

अब वे दोनों किंकर्तव्य-विमूढ़ हो खड़े रहे। क्या करें, किधर जायँ, कुछ निश्चय न कर सकते थे। आखिर उन्होंने अपनी स्त्रियों के पास गुफा में जाने ही का निश्चय किया। गुफा के भीतर जा करके देखा, सभी सुख-चैन से हैं, केवल स्त्रियाँ बहुत भयभीत हो रही हैं। आक्रमणकारी उनके स्वदेशी हैं फिर भी उनके भय की सीमा नहीं, वे बेहद डर रही हैं। कारण यह कि वे आक्रमणकारियों के स्वभाव से भली भाँति परिचित थीं। असभ्य लोग गुफा के बिलकुल समीप आकर लौट गये हैं। घने पेड़ों की आड़ होने के कारण उन्हें गुफा देख न पड़ी, इसीसे इधर वे लोग न आये। आते तो भारी उपद्रव मचाते।

असभ्यों के आने की ख़बर पा कर सात व्यक्ति स्पेनियर्ड, अँगरेजो की सहायता के लिए आये। यह देख कर अँगरेज़ों को धैर्य हुआ और उनका साहस बढ़ गया। अन्य दस व्यक्ति स्पेनियर्ड और फ़्राइडे का पिता किले के समीपवर्ती खेत-खलिहान की रक्षा के लिए पहरे पर रहे। किन्तु असभ्य उधर भूल कर भी नहीं गये। सात स्पेनियर्डों के साथ अँगरेजों का वह