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पृष्ठ:राबिन्सन-क्रूसो.djvu/३४९

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राबिन्सन क्रूसो।


की चीज़ें अपने टापू में भेज दीं। हमारे साथ का एक नाविक टापू में जाकर रहने की इच्छा करने लगा। मैंने उसे भी जाने की आज्ञा दी। असभ्य बन्दी को उसीके हवाले किया। वह नाविक का भृत्य होकर रहेगा। स्पेनियर्ड सरदार को मैंने एक चिट्ठी लिख दी कि इस नाविक को खेती के लिए ज़मीन, खेती-बारी के उपयुक्त हथियार और अन्यान्य आवश्यक वस्तुएँ दे देना।

नाव रवाना होने के पहिले मेरे कारबार के साझेदार ने मुझसे कहा कि-हमारा परिचित एक सज्जन यहाँ के पुरोहित-सम्प्रदाय की आँखों का काँटा हो रहा है। उस पर उनकी बुरी दृष्टि है। वह अपनी स्त्री और दो लड़कियों को लेकर यहाँ से भागने का उपाय खोज रहा है। यदि आप उसको अपने टापू में भेज कर खेती के लिए ज़मीन दें और सब बातों का प्रबन्ध कर दें तो उस भले मानस का बड़ा उपकार हो। वह पुरोहितों के हाथ में कहीं पड़ गया तो वे उसे जीते ही जला डालेंगे।

इस बात को मैंने तुरन्त स्वीकार कर लिया। उन लोगों को अपने जहाज़ में लाकर छिपा रक्खा। जब नाव रवाना होने लगी तब उन्हें उस पर सवार करा कर बिदा कर दिया।

ये महाशय यहाँ के एक प्रसिद्ध काश्तकार थे। जाते समय ये अपने साथ कुछ ऊख की जड़ें इसलिए लेते गये कि वहाँ जाकर ऊख की खेती करेंगे।

मैंने अपने द्वीप की प्रजा के लिए निम्न लिखित वस्तुएँ भेज दीं-तीन दुधार गायें, पाँच भेड़ें, बाइस सुअर, दो घोड़ियाँ और एक घोड़ा; तथा स्पेनियर्डों के विवाहार्थ तीन