पृष्ठ:राष्ट्रीयता और समाजवाद.djvu/१६८

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काग्रेस समाजवादी कान्फरेन्स १५५ किसान सभाओकी काररवाइयोकी अच्छी देख-रेख नही हो पाती। तरह-तरहके लोग किसान-सभायोमे,घुस पडे है और मनमानी काररवाई करते है। मेरा विश्वास है कि काग्रेस समाजवादी पार्टी यदि अच्छी तरह संगठित होती और किसान-सभात्रोंकी काररवाईपर पूरा नियत्रण रखती तो काग्रेसके नरमदलको शिकायत करनेका मौका मुश्किलसे मिलता और किसान-सभाअोके खिलाफ लोगोको भड़कानेमे इतनी आसानी न होती। इससे यह साफ है कि हमारे राष्ट्रीय सयुक्त मोर्चेका हमारे अच्छी तरह संगठित होनेसे कितना सम्बन्ध है । इसी संगठनकी कमजोरीके कारण शासन-सकटके जमानेमे हरिपुरा-कांग्रेसमें हमारी पार्टी कमजोर पड गयी। जैसा नेतृत्व उसे देना चाहिये था वह न दे सकी। अगर हमारा सगठन अच्छा होता, हमे अपनी सगठित शक्तिपर भरोसा होता तो हरिपुरामे आपको दूसरा ही दृश्य देखनेको मिलता । सगठनके सम्बन्धमे हमे एक दो वाते याद रखनी है। हमारी पार्टीको खतरा ऐसे लोगोसे है जो समाजवादके सिद्धान्त या तरीकोमे विश्वास न रखते हुए हमारी पार्टीमे इसलिये आ जाते है कि वह काग्रेसके नेतृत्वसे जाती वातोकी वजहसे चिढे हुए है या जो हमारी पार्टीको काग्रेसके अोहदे हासिल करनेका साधन बनाना चाहते है । हमे ऐसे लोगोसे बचना है और ऐसे लोगोको ही पार्टीमे दाखिल करना है जिनकी परख असली तरीकेसे हो चुकी है । दूसरी बात जो हमे ख्यालमे रखनी चाहिये वह यह है कि दूरदराजकी बातोपर उतना ध्यान न देकर हमे आजकी वातोपर ध्यान देना चाहिये । मूल सिद्धान्तोके सम्बन्धमे कडाई इतनी जरूरी नही है जितनी कि आजके आन्दोलनके तौर-तरीकोके सम्बन्धमे । दूसरे शब्दोमे यह कहा जा सकता है कि मूल सिद्धान्तोसे ज्यादा महत्त्वकी बात हमारे लिए इस समय विधि और उपाय ( tactics ) है । प्रजातान्त्रिक क्रान्तिके लिए हमारी जो लड़ाई चल रही है उसमे सफल नेतृत्व करनेके लिए सुलझे हुए उपायोका निर्धारण करना ही सवसे वडा काम है । इस कारण सदस्योकी छानबीन करते समय हमे इस वातका ख्याल करना है कि पार्टीके अन्दर ऐसे ही लोग दाखिल किये जायें जो राष्ट्रीय आन्दोलनका सफल नेतृत्व करनेकी योग्यता रखते हो यानी हमारी आजादीकी लड़ाईको आगे बढानेके सुलझे हुए तरीको की सच्ची वाकफियत रखते हो । जवतक हम अपना सगठन मजबूत नही करते हम न तो प्रगतिशील शक्तियोका ही नेतृत्व कर सकते है और न राष्ट्रीय आन्दोलनका ही। काग्रेस समाजवादी पार्टीके सामने दो बड़े-बड़े काम है । एक तो सभी अग्रगामी शक्तियोको एक साथ करना और दूसरा ब्रिटिश साम्राज्यशाहीके खिलाफ अग्रगामी शक्तियोके नेतृत्वमे जबर्दस्त सयुक्त राष्ट्रीय मोर्चा तैयार करना । यह वात साफ है कि दूसरे काममे हमे सफलता तभी मिलेगी जव हम पहले कामको अन्जाम दे सके । हमे खुशी है कि हमारी पार्टी इसके लिए अपने जन्म-कालसे ही प्रयत्नशील रही है । हमे यह प्रयत्न जारी रखना है । साथ-ही-साथ हमे इसकी कोशिश करनी है कि काग्रेसके अन्दर सुधारवादी मनोवृत्ति जोर न पकड़ने पावे । हमारी प्राजकी जो अवस्था है उसमें शासन संकटोका होना