पृष्ठ:राष्ट्रीयता और समाजवाद.djvu/४२७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

४१४ राष्ट्रीयता और समाजवाद मिस्र एक कृपि-प्रधान देश है। अधिकांश जनता खेतीपर निर्भर करती है । एक ओर विपुल संख्यामे खेतमे काम करनेवाले लोग है जिन्हे 'फलाहीन' कहते है, दूसरी ओर मुट्ठीपर बड़े-बडे जमीदार है जिन्हे 'पाणा' कहते है । 'फलाहीन' की आर्थिक अवस्था दयनीय है । इनकी आयका अनुमान लगभग १५०) २० वार्पिक है। शहरमे काम करनेवाले मजदूरोंकी अवस्था इनसे कुछ बहुत अच्छी नही है । अन्न, वस्त्र तथा अन्य वस्तुप्रोका मूल्य बहुत वढ गया है । पाशाप्रोकी सम्पत्तिका हिसाव बताना बहुत कठिन है; क्योकि गवर्नमेण्ट इसका कोई हिसाव नही बताती । बादशाह फारुककी सम्पत्ति १५ करोड़से १८ करोड़ रुपया प्राँकी जाती है । कुछ पागायोकी सम्पत्ति इससे भी अधिक होगी। मिस्रके यह दो प्रधान वर्ग हैं । इनके वीच एक छोटा-सा मध्यमवर्ग भी है । वर्गके आधारपर पार्टियाँ है । जनताकी पार्टी 'वपद' पार्टी है । यह सबसे अधिक लोकप्रिय है। दूसरी ओर पाशाओंकी कई पार्टियाँ है । इन्हें अमीरोका क्लव कहना चाहिये । इनको जनताका समर्थन प्राप्त नही है, तिसपर भी वह चुनावमें छल-कपटसे अपना वहुमत कर लेती है। मित्रमे चुनावमे वडी धाँधली होती है। पुलिस अनपढ, सहमे हुए गरीव किसानों- को मोटरोमें भर लेती है, उन्हे चुनावके स्थानपर ले जाती है और उनसे गवर्नमेण्टके आदमियोको वोट दिलाती है । इस कप्टके लिए वोटरोको कुछ वखशीश दे दी जाती है । कई पाशा अपनी पूंजी उद्योग-व्यवसायके क्षेत्रमे लगाये हुए है। उदाहरणके लिए सिदकी पाशा, जिसने गत सितम्वरमे प्रधान मन्त्रीके पदसे त्यागपत्र दिया था, मिस्त्रका एक बहुत बड़ा पूंजीपति है । वह 'Egyptian Federation of Industry' का संस्थापक और अध्यक्ष है । वह १८ वडी कम्पनियोका डाइरेक्टर है । इन पूंजीपतियोकी एक पार्टी है जिसे 'सादी' कहते है । इसका नेता नोक्राणी पाशा है जो इस समय प्रधान मन्त्री है और जिसने सुदानके प्रश्नको यू० एन० प्रो० के पास निर्णयके लिए भेजा है। पाशानोकी एक दूसरी पार्टी है जो उनार दलने माने जाते है और जो विधानवादी है । जव मित्र तुर्की साम्राज्यमे शामिल था उस समय अच्छे कुलके तुर्क मिस्रमे वस गये थे और उनके पास बड़ी-बड़ी जमीदारियाँ थी । यह दल ऐसे ही पाशाओंका दल है । इस दलका वादशाह फारुकसे घनिष्ठ सम्बन्ध है । यह दोनो दल चाहते है कि व्यापारके क्षेत्रमे वह इंगलैण्डसे स्वतन्त्र हो और उनको अमेरिकासे व्यापार करनेकी स्वतन्त्रता हो । विदेशी विनिमयपर अग्रेजोका जो नियन्त्रण है उससे वह स्वतन्त्र होना चाहते है, किन्तु वह अभी अंग्रेजोकी साझेदारीको तोड़ना नहीं चाहते । अग्रेजोके हिस्सेदार वनकर ही उन्होने उद्योग- व्यवसायके क्षेत्रमे इतनी उन्नति की है किन्तु इस साझेदारीमे उनकी हैसियत छोटी है । वह अपनी हैसियतको तो बढाना चाहते है, किन्तु समझते है कि यदि अग्रेजोकी साझेदारी खत्म हो गयी तो उनको कठिनाइयोका सामना करना पडेगा और उनकी पूंजी उतनी सुरक्षित न होगी। एक कारण और है जिससे वह अंग्रेजोके विना अपनेको कमजोर पाते है । मिस्रमे मजदूर-अान्दोलन वल पकड़ रहा है और मजदूरोकी वेचैनी बढ़ती जाती है । समाजमे अशान्ति बढ़ती जाती है। वेकारोंकी सख्या ६ लाख हो गयी है । इन पाशाओंका