पृष्ठ:राष्ट्रीयता और समाजवाद.djvu/६१

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४८ राष्ट्रीयता और समाजवाद रिपोर्ट दी। वम्बई की बैठक (६-८ अगस्त) में इस रिपोर्टपर विचार किया गया और योजनाको अन्तिम स्वरूप दिया गया । हम इस प्रस्तावके मुख्य अंशको यहां अविकल उद्धृत करते है। मौलिक अधिकार और कर्तव्य १ (क) भारतके प्रत्येक नागरिकको स्वतन्त्र सम्मति प्रकट करने, स्वतन्त्रतापूर्वक परस्पर मिलने और संगठित होने तथा ऐसे कामोके लिए जो कानून और आचार-नातिके विरोधी न हो, किसी स्थानपर शान्तिपूर्वक और विना हथियारके एकत्र होनेका अधिकार होगा। (ख) भारतके प्रत्येक नागरिकको धार्मिक विश्वासको स्वतन्त्रता तथा अपने धार्मिक कृत्योंके सम्पादनको स्वतन्त्रता रहेगी, वशर्ते कि वे सार्वजनिक शान्ति और सदाचारमें वाधक न हो। (ग) अल्प-संख्यक समुदाय तथा देशके विभिन्न भाषा-मूलक अशोकी संस्कृति, भाषा और लिपिकी रक्षा की जायगी। (घ) भारतके सब नागरिक, धर्म, वर्ण, विश्वास या लिंगका विचार किये विना, कानूनकी दृष्टिमे समान समझे जायेंगे । (च) सरकारी नौकरियो, अधिकारके पदो या सम्मानके सम्बन्ध तथा किसी व्यवसाय या पेशेके स्वीकार करनेके सम्बन्धमे अपने धर्म, वर्ण, विश्वास या लिंग-भेदके कारण कोई नागरिक अयोग्य न समझा जायगा। (छ) ऐसे सव कुरो, सडको, स्कूलो और सार्वजनिक स्थानोके विषयमें सब नागरिको- का समान अधिकार और कर्तव्य होगा, जिनकी रक्षाका भार सरकारी या स्थानीय कोपपर हो या जिनका दानोत्सर्ग सार्वजनिक उपयोगके लिए किया गया हो । (ज) इस सम्बन्धमे बने हुए नियमोके अनुसार हथियार रखने और उन्हें लेकर चलनेका प्रत्येक नागरिकको अधिकार होगा। (झ) किसी भी व्यक्तिको स्वतन्त्रता न छीनी जायगी और न उसके मकान या जायदादमें प्रवेश किया जायगा और वे न छीने और न जब्त किये जायेंगे, सिवाय उस हालतके जव कि ऐसा करना कानूनके अनुसार हो । (ट) सव धर्मोके विपयमे राज्य तटस्थ रहेगा। (ठ) सव वालिग लोगोको मत देनेका अधिकार होगा। (ड) राज्यकी अोरसे निःशुल्क और अनिवार्य प्रारम्भिक शिक्षाका प्रवन्ध रहेगा। (ढ) राज्यकी अोरसे खिताव नही दिये जायेंगे । (त) मृत्यु-दण्ड उठा लिया जावेगा। (थ) भारतका प्रत्येक नागरिक भारतभरमे स्वच्छन्दताके साथ घूम सकता है और उसके किसी भागमे ठहर सकता है, वस सकता है, जायदाद हासिल कर सकता है और रोजगार या व्यापार कर सकता है । रक्षा और कानूनी कार्यवाहीके मामलेमे समस्त भारतमे समानता रहेगी। >