पृष्ठ:रेवातट (पृथ्वीराज-रासो).pdf/२५३

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रू० ११--“हे राजन् ! सुनिये - (रेवातट पर विस्तृत) वन को हाथियों के यूथों ने रमणीक बना दिया है। रेवातट पर चारों ओर वीर (पराक्रमी) गजदंतों (हाथियों) के समूह हैं। वहाँ आप मार्ग रोककर कौतूहल वद्ध के मृगया का आनंद लें (और फिर) दिल्ली के मार्ग में (दिल्ली से देवगिरि जाने वाले मार्ग सिंह भी मिलते हैं जिनका श्राप शिकार खेलसकते हैं। हे नृपति, जलाशयों, पहाड़ों और चारों ओर आप ( अत्यधिक ) परिमाण में कस्तूरी मृग, पक्षी और कबूतर देखेंगे, [यह सब तो है ही] परन्तु दक्षिण की सुरभि तो वर्णनातीत है या (दक्षिण के मार्ग का वर्णन नहीं किया जा सकता)। "

शब्दार्थ - रू० १० – तार्थ = इसीलिये (यही कारणा था) । तिन=उन । मुनि - यहाँ मुनि पालकाव्य की ओर संकेत है। करिन सों= हाथियों से । पिथ्थ < पृथ्वीराज । सम= से । सकल = सब। मंडि= कहा । विरतंत <संवृत्तांत।

रू० ११ - सुनहि = सुने । विपन < सं० विपिन = वन । रवनीय < सं० रमणीक। करिय (अवधी) = कर दिया। गजदंत बड़े दाँत वाले, हाथी । चवन = चार । रथ <सं० रथ्य = मार्ग, रास्ता । त्रवन रथ= चारों ओर । पेटक अचंभ = कौतूहल वर्द्धक आखेट (शिकार) । पंथ मार्ग । पावर < पौर = दरवाजा। (पावर का अर्थ बाड़ा भी है, जैसे पावर रोपकर) । रुकि=रोककर ।पंथ पावर रुकि= मार्ग का द्वार रोककर अर्थात् मार्ग को बंद करके । बिल्लौ खेलो। वह < बाट रास्ता । जूह = यूथ । जन जूह = जल का यूथ अर्थात् जलाशय । कूह < फा० ४ = पर्वत। परवतह सं० पारावत= कबूतर [प्रन्तु चोर्नले महोदय इसका अर्थ जंगली जानवर लगाते हैं ]। चहुन == (१) चारों ओर (२) चौहान पृथ्वीरा। मांन=परिमाण; मानिये, विश्वास कीजिये । देषे देखा है, देखिये । दच्छिन सं० दक्षिण । सुरह = सुरही <सं० सुरभि = दक्ष कन्या, कश्यप पत्नी, पशु तथा रुद्रों की माता बहुधा ऐक मातृका समझी जाने वाली पौराणिक कामधेनु । दच्छिन सुरह = दक्षिणी गाय। [ परन्तु ह्योनले महोदय 'सुरह' को 'स्वर' का विकृत रूप मानते हैं जो भ्रम जनित है ]। सुरह गायें बद्रिकाश्रम की ओर उत्तराखंड में पाई जाती हैं। कालिदास ने वायुवेग से रगड़ खाकर देवदार की डालों का सुरह गाय की पूछें जलाकर दावाग्नि पैदा करने का वर्णन किया है-

तं चेद्वायौ सरति सरलस्कन्ध संघ जन्मा
बाधेतोल्काक्षपितचमरी बालभारो दवाग्निः॥ १४ ॥ मेघदूत।

सुरह का अर्थ (सु+राह) सुन्दर मार्ग भी कुछ विद्वान करते हैं। यद्यपि इस संधि में अशुद्धि स्पष्ट है परन्तु रासो में ऐसी स्वच्छन्दता आश्चर्यजनक