पृष्ठ:लालारुख़.djvu/१९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

लालारुख . शाहजादी ने डरते डरते आँखें उठाकर शाहजादे की ओर देखा “यः खुदा" इतना ही उसके मुँह से निकला, और वह शाहजाहे की गोद में बेहोश होकर लुढ़क गई। a "हाँ, तो तुम इब्राहीम की जां वस्शी चाहती हो प्यारी।" "हां प्यारे, तुम इब्राहीम को जानते हो ?" "कुछ कुछ दोनों ठहाका मारकर हँस पड़े। लालारुख ने शाहजादे की गोद में मुंह छिपा लिया। .. १