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सन् १९२१ की मनुष्य-गणना
४—इलाहाबाद ४७,९१,९५७ – ३.१
५—झांसी २०,६५,७६२ – ६.४
६—बनारस ४४,४८,५८४ कमी हुई पर .१ से भी कम
७—गोरखपुर ६७,२९,१२२ + ३.१
८—कमायूं १२,९३,४३९ – २.७
९—लखनऊ ५५,७०,८४३ – ५.८
१०—फ़ैजाबाद ६५,९९,४६५ – .७

सिर्फ़ मेरठ और गोरखपुरकी कमिश्नरियोंको छोड़कर और सब कहीं ह़ास, ह़ास, ह़ास। किसी-किसी ज़िलेमें तो फ़ी सदी ८, ९, १०, ११ और १४ तक मनुष्य-संख्या घट गयी। बढ़ी है मेरठमें १३ फ़ी सदी, बस्तीमें ५ फ़ी सदी, गोरखपुर में दो फ़ी सदी और देहरादूनमें ३ फ़ी सदी। कुछ ही ज़िले और हैं जिनमें कुछ थोड़ी-थोड़ी वृद्धि हुई है। और कहीं नहीं। सरकारी नक़शेमें जहाँ देखो, वहीं ऋणका चिह्न (–) लगा हुआ है। यदि मनुष्य-गणनामें भी किसी देश, प्रान्त या ज़िलेके पतन या उत्थान, सुख-समृद्धि या दीनताका अन्दाजा लगाया जा सकता है तो अपने प्रान्तकी बहुत-कुछ सच्ची स्थितिका पता लगानेके लिए पिछली मनुष्य-गणनाके नक़शोंमें काफ़ी सामग्री विद्यमान है।

[जूलाई १९२१]