पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/१२३

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१४—अमेरिकामें कृषि-कार्य।

संसार परिवर्तनशील है। यहां कोई भी चीज सदा एक ही सी दशामें नहीं रहती। समयानुसार सबमें परिवर्तन होता है। जिस देश या जिस समाजके लोग समयकी स्वाभाविक गतिपर ध्यान नहीं देते उस देश या उस समाजको अधःपतन अवश्य ही होता है।

भारतवर्ष कृषि-प्रधान देश है। यहाँकी भूमिमें जितनी उर्वराशक्ति है उतनी शक्ति बहुत ही कम देशोंकी भूमिमें होगी। कृषि-कार्यके योग्य जितनी भूमि यहाँ है उतनी शायद ही और किसी देशमें हो। फिर भी हमारे देशके किसानोंको भर-पेट भोजन नहीं मिलता। दूसरे देशोंके किसान सर्वथा सुखी और भारतके प्रायः सर्वथा ही दुखी हैं। अच्छा, इस अन्तरका कारण क्या? यह तो कही नहीं सकते कि यहाँके किसान परिश्रमी नहीं, क्योंकि उन्हें बारह-बारह घण्टे काम करते हम प्रत्यक्ष देखते हैं