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पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/२३

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३–एक अद्भुत जीव ।

"जा तस्य हि ध्रुवो मृत्युध्रुवं जन्म मृतस्य च"— यह संसारका अटल नियम है। यह कभी टल नहीं सकता। जो पैदा होता है वह मरता जरूर है। एक भी प्राणी ऐसा नहीं जो मृत्युके पजेसे बच सके। मनुष्य, पशु, पक्षी, कीट, पतङ्ग, सरीसृप, वृक्ष, लता आदि सभी पैदा होते और मरते हैं। परन्तु इस लीलानिकेतन विश्वमें कुछ ऐसे भी अद्भुत जीव हैं जिनकी मृत्यु नहीं होती जो सदा जीवित रहते हैं; अथवा यह कहना चाहिए कि जिनके मरने-जीनेका पता मनुष्य को नहीं। सम्भव है, संसारके पूर्व निर्दिष्ट नियमके अनुसार वे भी जन्म-मरणके जालसे न बचे हों; परन्तु वे कब, किस तरह मरते हैं, यह बात विज्ञान-वेत्ता भी अबतक नहीं जान पाये।

जलाशयोंके पैदेमें एक प्रकारके अत्यन्त सूक्ष्म प्राणी होते हैं। उनके शरीरमें जरा भी जटिलता नहीं होती। उनकी देह सूक्ष्म-कोश-