सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/८१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
७३
गौतम बुद्धका समय

अध्यापक रीज़ डेविड्स बौद्ध-साहित्यके प्रमुख ज्ञाता माने जाते हैं। उनका कथन है कि बुद्धका निर्व्वाण ४१२ वर्ष ईसवी पूर्वमें हुआ था। परन्तु अध्यापक कर्न इसे नहीं मानते। वे कहते हैं कि निर्व्वाणका निश्चित वर्ष सन् ईसवीके ३८८ वर्ष पूर्व है। अध्यापक मैक्समूलरका मत है कि बुद्धका निर्व्वाण सन् ईसवीके ४७७ वर्ष पूर्व हुआ था। डाकर फ्लीट यह घटना ४८२ वर्ष ई॰ पू॰ में और अध्यापक ओल्डनवर्ग तथा बाथ साहब ४८० वर्ष ई॰ पू॰ में हुई बताते हैं। विन्सेंट स्मिथ साहबने तीन भिन्न-भिन्न स्थलों में तीन भिन्न-भिन्न कालोंका उल्लेख किया है। अपने प्राचीन भारतवर्षके इतिहासमें उन्होंने लिखा है कि बुद्ध-भगवान् ईसाके ४८७ वर्ष पहले निर्व्वाणको प्राप्त हुए। पर अपने "अशोक" नामक ग्रन्थमें लिखा है कि निर्व्वाण ५०८ ई॰ पू॰ में हुआ था। इसके बाद उन्होंने अपने एक अन्य लेखमें अपना पूर्व-निर्दिष्ट मत बदल दिया है। उसमें आपने लिखा है कि यह घटना ४८० से लेकर ४७० ई॰ पू॰ के बीच किसी समय हुई थी।

ऊपर लिखे गये भिन्न-भिन्न और परस्पर-विरुद्ध मतोंमें कौन मत सच्चा है, इसका निर्णय करना बहुत कठिन है। इसलिए हम इस विषयकी सामग्रीकी छानबीन करके, स्वतन्त्र रीतिसे, बुद्धदेवक निर्व्वाणका समय निश्चित करना चाहते हैं। इस उद्देशकी पूर्तिके लिए हमें पहले मौर्य्य-संवत्‌का निश्चय करना आवश्यक प्रतीत होता है। क्योंकि उसका सम्बन्ध इस विषयसे बहुत घनिष्ठ है। यह तभी हो सकता है जब हम यह जान लें कि मौर्य्य-वंशके प्रथम नरेश, महागज चन्द्रगुप्त और उनके पौत्र अशोकवर्द्धन कब हुए थे। लङ्काने बौद्ध-