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लेखाञ्जलि


पूर्वोक्त मतकी पुष्टि एक और प्रमाणसे भी होती है। कहते हैं कि चीनमें एक ग्रन्थ है। प्राचीन कालमें वसन्तोत्सवके समय उसमें प्रतिवर्ष एक बिन्दु लगा दिया जाता था। इस बिन्दुको कैंटन नगरका प्रधान महन्त लगाता था। यह प्रथा ४८९ ईसवी तक प्रचलित रही। उस साल सङ्घभद्र नामके पुरोहितने अन्तिम बिन्दु लगाकर इस प्रथाको बन्द कर दिया। तबसे उसमें किसीने बिन्दु नहीं लगाया। इस बिन्दु-ग्रन्थमें सब मिलाकर, बुद्धके निर्व्वाणसे लेकर ४८९ ईसवीतक, ९७५ बिन्दु बने हैं। इससे मालूम होता है कि उस समय, अर्थात् ४८९ ईसवी तक, बुद्धका निर्व्वाण हुए करीब ९७५ वर्ष बीत चुके थे। यह भी हमारे मतको पुष्ट करता है। अतएव इन सब प्रमाणोंसे सिद्ध है कि बुद्धका निर्व्वाण ४८७ ई॰ पू॰ में हुआ था और जन्म ५६७ ई॰ पू॰ में।

[नवम्बर १९२३]