पृष्ठ:वयं रक्षामः.djvu/२५७

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तपस्वी -जीवन व्यतीत करना । मैं सदैव तुम्हारी रक्षा करूंगा। ” इतना कह रावण मारीच को रथ पर बैठा दण्डकारण्य की ओर चल दिया ।