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पृष्ठ:वयं रक्षामः.djvu/३१

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तेईस सौ वर्ष पूर्व बताते हैं । हमारा अनुमान है कि प्रलय के कुछ ही वर्ष पूर्व चाक्षुषों का यह आक्रमण ईरान के निवासी अपने ही भाईबन्धुओं पर हुआ था और इनके वंशधर वहीं बस गए थे। यही कारण है कि भारतीय पुराणों में इनके पूर्वजों का वंशवृक्ष तो है , परन्तु इनके वंशजों का वंश -विस्तार नहीं है। इनका वंश -विस्तार इन विजित उपनिवेशों के प्राचीन इतिहास में मिलता है ।