पृष्ठ:वयं रक्षामः.djvu/४४८

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रौद्र शक्ति को क्रोध से कांपते हुए लक्ष्मण पर फेंका। वह शक्ति बिजली की भांति लक्ष्मण की मूर्धा में जा लगी । उसके लगते ही लक्ष्मण कटे हुए वृक्ष की भांति झूमते हुए रथ से भूमि पर जा गिरे। वानर- सैन्य हाहाकार करने लगी । यूथ के यूथ वानर योद्धाओं ने लक्ष्मण के शरीर को घेर लिया । राम ने दूर से लक्ष्मण को गिरते देखा तो धनुष फेंक, हा सौमित्रि कहते हुए दौड़ पड़े । रावण बादलों की भांति गर्जना करता हुआ , विजय दुन्दुभि से देवों और दिशाओं को कम्पायमान करता हुआ लंका को लौट गया ।