पृष्ठ:विक्रमांकदेवचरितचर्चा.djvu/१०९

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(३)

(२) आधीन राजाओं के साथ उदार राजनीति का वर्ताव किया जाता था।

(३) चीन के साथ मित्रता थी।

(४) उस समय सारे उच्च कुल की विधवाओ के पुनर्विवाह होते थे।

(५) स्त्रियों मे पर प्रथा नहीं थी।

(६)जन्म से - - .. म में।

(७ आर्य्य भोजन .५ मदिरा से रहित भोजन का प्रचार था।

(८) विद्या का बहुत प्रचार था।

(९) रोगी सेवा आदि का पूर्ण प्रबन्ध था।

(१०) दान की शुभ प्रथा थी!

(११) नगरों तथा मनुष्यों के नाम संस्कृत भाषा के शब्दों द्वारा से जाते थे।

(१२) हिन्दु प्रजा का नाम आर्य प्रजा था।

(१३) इस समय बौद्ध धर्म आर्य धर्म से भिन्न न था, जैसा कि इस पुस्तक के पाठ से स्वयं विदित हो जायगा।

(१४) एकही परिवार में पिता यदि शैव मत का था तो पुत्र बौद्धमत का, माता सूर्यकी उपासक तो पुत्री वैष्णव-इस प्रकार उनमें धार्मिक सहिष्णुता अमेरिका देश समान ही थी।