पृष्ठ:विचित्र प्रबंध.pdf/३१६

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> पञ्चभूत । न्यूटन अपनी ज़िन्दगी भर तत्वान्वेषण करते रहे, और अन्त में उन्होंने कहा-"हम अभी तक ज्ञान-मागर के किनारे केवल कंकड़ चुनत रहे ।" हम चार बुद्धिमान एक क्षण की बातचीत से कंकड़ चुनने की भी कल्पना नहीं कर सकते, -हम लोग यदि कुछ करत थे तो केवल यही कि बालू का घर बनाना चाहते थे। इस खेल के मिस से ज्ञान-समुद्र की ओर थोड़ी दूर जाना और वहां की हवा ग्या पाना ही हम लोगों का उद्देश्य था। हम लोग ज्ञान- ममुद्र से कोई रन नहीं उठा लाये हैं। किन्तु स्वास्थ्यप्रद वायु का संवन वहाँ अवश्य कर आये हैं । तदनन्तर वहाँ का बालू का धर टूट जाता है या रहता इससे हम लोगों का कुछ हानि-लाभ नहीं है। रन की अपेक्षा स्वास्थ्य का मूल्य कम है, इस बात को हम नहीं मानते । रत्नों में प्राय: बहुत से रत्न खार्ट हो जाते हैं, परन्तु स्वास्थ्य सदा म्वास्थ्य ही रहता है, उसका कोई दूसरा नाम नहीं हाता । हम लोग पाश्चभौतिक सभा के पाँच सदस्य मिलकर अभी तक सामान्य सिद्धान्त भी संग्रह कर सके कि नहीं, इन विषय में हम लोगों को सन्देह है । परन्तु जितनी बार हम लोगों की सभा के अधिवेशन हुए हैं, हम लोगों का वहाँ से खाली हाथों लौटना पड़ा है ; तथापि उत्तनी ही बार हम लोगों के हृदय में बड़े वेग से रक्त का प्रवाह बहा है; हम लोगों ने नीरोगता प्राप्त की है, इसमें कोई भी मन्देह नहीं। किले के मैदान में एक छटाँक भी अन्न उत्पन्न नहीं होता किन्तु इससं वह अनावश्यक भी नहीं कहा जा सकता। हम लोगों की