पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/१५७

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११२ ] ३-महावग्ग [ ११३।२ अभि वि न ये) ले जानेमें; (५) उत्पन्न धारणाओंके विपयमें धर्मानुसार विवेचन करनेमें। भिक्षुओ! इन पाँच बातोंसे युक्त ० । 38 १२--"भिक्षुओ ! पाँच बातोंसे युक्त भिक्षुको उपसंपदा करनी चाहिये ०-समर्थ होता है (१) शिष्य या अन्तेवासीको आचार विषयक सीख सिखलानेमें ० (५) उत्पन्न धारणाओंके विषय में धर्मानुसार विवेचन करनेमें। भिक्षुओ! इन पाँच बातोंसे युक्त ० । 39 १३--"और भी भिक्षुओ! पाँच वातोंसे युक्त भिक्षुको न उपसंपदा करनी चाहिये ०--(१) न दोषको जानता है; (२) न निर्दोपताको जानता है; (३) न छोटे दोपको जानता है; (८) न बळे दोष (=आपत्ति) को जानता है; (५) और (भिक्षु-भिक्षुणी) दोनोंके प्रा ति मा क्षों को विस्तारके साथ नहीं हृद्गत किये रहता, सूक्त (=बुद्धोपदेश) और प्र मा ण से (प्रातिमोक्षको) न सुविभाजित किये रहता, न सुप्रवर्तित, न सुनिर्णीत किये रहता है। भिक्षुओ! इन पाँच बातोंसे युक्त ० । 40 १४ -"भिक्षुओ ! पाँच बातोंसे युक्त भिक्षुको उपसंपदा करनी चाहिये -(१) दोपको जानता है; ० (५) प्रा ति मोक्षों को विस्तारके साथ हृद्गत किये रहता है ० । भिक्षुओ ! इन पाँच O- बातोंसे युक्त ०। . 0 -(१) दोपको १५--"और भी भिक्षुओ ! पाँच वातोंसे युक्त भिक्षुको न उपसंपदा करनी चाहिये -(१) न दोषको जानता है; (२) न निर्दोषताको जानता है; (३) न छोटे दोपको जानता है; (४) न बळे दोषको जानता है; (५) दस वर्षसे कमका (भिक्षु) होता है। भिक्षुओ! इन पाँच बातोंसे युक्त ० 1 4I -"भिक्षुओ ! पाँच बातोंसे युक्त भिक्षुको उपसंपदा करनी चाहिये जानता है ० (५) दस वर्षसे अधिकका भिक्षु होता है। भिक्षुओ! इन पाँच बातोंसे युक्त ० " 42 पंचकोंसे उपसंपदा करणीय समाप्त । १-"भिक्षुओ! इन छ वातोंसे युक्त भिक्षुको न उपसंपदा करनी चाहिये ०-(१) न संपूर्ण शील-जसे युक्त होता है; (२) न संपूर्ण समाधि-पुंजसे ०; (३) न संपूर्ण प्रज्ञा-पुजसे ०; (४) न संपूर्ण विमुक्ति-पुंजसे ० (५) न संपूर्ण विमुक्तियोंके ज्ञानके साक्षात्कारके पुंजसे ०; (६) न दस वर्षसे अधिकका भिक्ष होता है। भिक्षुओ! इन पाँच बातोंसे संयुक्त ० । 43 २-"भिक्षुओ ! इन छ बातोंसे युक्त भिक्षुको उपसंपदा करनी चाहिये - (१) संपूर्ण शील-मुजसे होता है ० (६) दस वर्षसे अधिकका (भिक्षु) होता है। भिक्षुओ ! इन छ बातों से युक्त ०1 44 ३--०१। 45-58 छक्कोंसे उपसंपदा करणीय समाप्त । (२) अन्य संप्रदायी व्यक्तियोंके साथ ( क ) लौटे व्यक्ति की उपसम्पदा उस समय जो वह एक (पुरुप) २ दूसरे साधु-संप्रदाय (=अन्यतीर्थ) में (शिप्य) रहा, उपा- ध्यायके धर्म-संबंधी वात करनेपर उपाध्यायके साथ विवाद करके उसी संप्रदायमें चला गया, उसने फिर आकर, भिक्षुओंके पास उपसंपदा पानेकी प्रार्थना की। भिक्षुओंने भगवान्से इस बातको कहा । (भगवान्ने कहा)- १ तीनसे सोलहवें तकके नियम पिछले पंचकके प्रकरणके तीसरेसे सोलहवेंकी तरह पाँच पाँच बातें, और छठवीं बातें, दस वर्षसे कम या अधिकका भिक्षु होना समझो। २ देखो पृष्ठ १०९