! १४४ ] ३-महावग्ग [ २२१५ "और भिक्षुओ! इस प्रकार करार देना चाहिये। चतुर समर्थ भिक्षु संघको सूचित करें- क. ज्ञप्ति-'भन्ते ! संघ मेरी सुने । संघने जो एक उपोसथवाले एक निवासस्थानकी सीमा करार दी है यदि संघ उचित समझे तो गाँव और गाँवके टोलेके अपवादके साथ उस सीमाको तीन चीवरोंका नियम लागू न होना करार दे'—यह सूचना है। ख. अ नु श्रा व ण-“भन्ते ! संघ मेरी सुने--संघने जो एक उपोसथवाले एक निवास- स्थानकी सीमा करार दी थी गाँव और गाँवके टोलेके अपवादके साथ संघ उस सीमामें तीन त्रीवरोंका नियम न होना करार देता है। जिस आयुप्मान्को गांव और गाँवके टोलेके अपवादके साथ इस सीमामें तीन चीवरका नियम न होना, करार देना पसंद हो वह चुप रहे, जिसे पसंद न हो वह बोले।...। ग. धा र णा-“संघको गाँव और गाँवके टोलेके अपवादके साथ उस सीमाका तीन त्रीवरांका नियम न रखना करार देना पसन्द है, इसीलिये चुप है-ऐसा मैं इसे समझता हूँ।" (५) सोमा और चोवरके नियम १-"भिक्षुओ! सीमाके करार देते वक्त पहिले एक निवासकी सीमा करार देनी चाहिये। फिर तीन चीवरके नियम न रहनेको करार देना चाहिये। भिक्षुओ! सीमाका त्याग करते वक्त पहले तीन चीवरके नियम न रहनेको त्यागना चाहिये, पीछे (एक निवास-स्थानकी) सीमाको त्यागना चाहिये। 19 "और भिक्षुओ ! तीन चीवरके नियम न रहनेको इस प्रकार त्यागना चाहिये, चतुर समर्थ भिक्षु संघको सूचित करे- क. ज्ञ प्ति-"भन्ते ! संघ मेरी सुने । जो वह संघने तीन चीवरके नियम न रहनेको करार दिया था, यदि संघ उचित समझे तो उसे त्याग दे—यह सूचना है। ख. अ नु श्रा व ण-"भन्ते ! संघ मेरी सुने । जो वह संघने तीन चीवरके नियम न होनेको करार दिया था संघ उसे...त्यागता है। जिस आयुष्मान्को यह तीन चीवरोंके नियम न रहनेका त्याग पसंद है वह चुप रहे; जिसको पसंद नहीं है वह बोले ।... ग. धा र णा-"संघको...पसंद है, इसलिये चुप है-इसे मैं ऐसा समझता हूँ।" २----"और भिक्षुओ ! इस प्रकार (एक निवास-स्थानकी) सीमाको त्यागना चाहिये, चतुर समर्थ भिक्षु संघको सूचित करे- क. ज्ञ प्ति-"भन्ते ! संघ मेरी सुने। संघने जो एक उपोसथवाले निवास-स्थानकी सीमा करार दी थी, यदि संघ उचित समझे तो संघ उस सीमाको त्याग दे—यह सूचना है। ख. अनु श्रा व ण--"भन्ते ! संघ मेरी सुने । संघने जो वह एक उपोसथवाले एक निवास-स्थान की सीमा करार दी थी, संघ उस सीमाको त्यागता है। जिस आयुप्मान्को इस. . .सीमाका त्याग पसंद है वह चुप रहे, जिसको पसंद नहीं है वह वोले।...। ग. धा र णा-“संघने उस...सीमाको त्याग दिया, संघको यह पसंद है, इसलिये चुप है- ऐसा मैं इसे समझता हूँ।" ३-"भिक्षुओ! सीमाके न करार देनेपर, न स्थापित किये जानेपर (भिक्षु) जिस गाँव या कस्बेका आश्रय लेकर रहता है उस गाँव या कस्बेकी जो सीमा है वही एक उपोसथवाला एक निवास- स्थान है। गाँव न होनेपर भिक्षुओ! जंगलके चारों ओर जो सात अवकाश हैं वही वहाँ एक उपोसथ वाले एक निवास-स्थानकी सीमा हैं। भिक्षुओ! सभी नदियाँ असीम हैं, सभी समुद्र असीम हैं, सभी स्वाभाविक सरोवर असीम है। भिक्षुओ! नदी, समुद्र, या स्वाभाविक सरोवरमें मझोले (कदके) पुरुपके चारों ओर जो पानीका घिराव होता है वही वहाँ एक उपोसथवाले एक निवास-स्थान की सीमा है।" 20
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