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पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/२७४

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(4 ६९३।२] आराममें सेवक रखना [२२३ ३-० अच्छ कं जी (=कांजी) की जरूरत थी। ०।- अनुमति देता हूँ अच्छ कंजी की।” 68 ४-० अ क ट जूस ( स्वाभाविक जूस) की जरूरत थी। ०।- ५-"० अनुमति देता हूँ अ क ट जूस की।" 69 ६-०क टा कट की ज़रूरत थी। ०।- ७-"० अनुमति देता हूँ क टा क ट की।" 70 ८-० प्रति च्छा द न (=ढाँकनेकी वस्तु) की ज़रूरत थी। ०।- "० अनुमति देता हूँ प्रति च्छा द न की।" 7I ३-ग्रारासमें चीजोंका रखना सँभालना आदि (१) पिलिन्दि वच्छका राजगृहमें लेण वनवाना उस समय आयुप्मान् पिलि न्दि वच्छ गजगृहमें ले ण (=गुहा) बनवानेके लिये पहाळ साफ़ कन्वा रहे थे। तब मगधगज लेनिय बिम्बिसार जहाँ आयुष्मान पिलिन्दि वच्छ थे वहाँ गया। जाकर आयुष्मान् पिलि न्दि व च्छ को अभिवादन कर एक ओर बैठ गया। एक ओर बैठे मगधराज सेनिय विम्बियाने आयुप्मान पिलिन्दि वच्छ ने यह कहा-- "भन्ले ! स्थविर क्या कर रहे हैं? "महागज ! ले ण बनवाने लिये पहान (=पमान) माफ़ करा रहा हूँ।" "वया भन्ने ! आर्यको आगमिक (आगममें काम करनेवाले) की आवश्यकता है ?" "महागज ! भगवान्ने आगमिक (वन) की अनुमति नहीं दी है।" "नो भन्ने ! भगवान्ने पूछकर मुझने कारना।" "अच्छा महागज,” (काह) आयुष्मान् पिलिन्दि व छ ने मगधगज मेनिय विम्बिसारको उन दिया। नब आयुष्मान् पि लिन्दि बन्छ ने मगधगज नेनिय विम्बिमान्को धार्मिक कथा द्वारा... नम्नेजिन नग्नहपित किया । तब मगधगज नेनिय विम्बिनार. . .नम्प्रर्षित हो आसनसे उठ आयु- मान् पिकन्दि बन्छ को अभिवादन कर प्रदक्षिणा कर चला गया। तब आयुष्मान् पिलिन्दिवच्छने भगवान्तः पान (यह नंदेश दे । दन भेजा-- "न्ने ! गगधराज ननिय यि बिमा र आसनिक देना चाहता है । कैमा करना चाहिये ?" ( २ ) भागममें नेवक बना भगवान ने भी प्रकरणनीतिका कह निशुओंको संबोधित किया- "नो गति देना की। -2 नानी बागना हो अनुमान् नि दिन्दि बन्छ थे वहाँ गया ० -दाको अमित देनंग वचन दे होते रोग।