पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/३७७

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३२० ] ३-महावग्ग कर्म है।' भिक्षुओ ! वहाँ जिन भिक्षुओंने ऐसे कहा--'यह अधर्मसे वर्ग कर्म है', (वह धर्मवादी नहीं है): किन्तु जिन भिक्षुओंने ऐसे कहा--'(यह) नहीं किया कम है, बुरा किया कर्म है, फिर करने लायक है।' वह भिक्षु धर्मवादी हैं। 55 I २-"० अधर्मसे समग्र कर्म० । 552 ३-"० धर्मसे वर्ग कर्म०। 553 ४-"० धर्माभाससे वर्ग कर्म०। 554 ५-०धर्माभाससे समग्र कर्म० । 554 २५-"० वह धर्माभाससे वर्ग हो उसका तर्जनीय कर्म करते हैं। तब वहाँ रहनेवाला मंत्र विवाद करता है-'(क) यह धर्माभाससे बर्गका कर्म है; (ख) नहीं किया कर्म है, बुरा किया कम है, फिर करने लायक कर्म है।' भिक्षुओ ! वहाँ जिन भिक्षुओंने ऐने कहा-'(यह) धर्माभाससे कर्म हैं (वह धर्मवादी नहीं हैं); (किन्तु) जिन भिक्षुओंने ऐसे कहा- -'(यह) नहीं किया कर्म है. बुरा किया कर्म है, फिर करने लायक कर्म है।' (वह धर्मवादी हैं)।" 575 (२) नियस्स कर्मकी माफी "१-भिक्षुओ! यहाँ एक भिक्षुको संघने नियस्स कर्म किया है, (तब वह) ठीकसे रहता है.' नियस्स कर्मकी माफ़ी चाहता है । वहाँ भिक्षुओंको ऐसा होता है- -०१ आओ हम इसके नियस्स कर्मको माफ़ करें।' वह धर्मसे वर्ग हो उसके नियस्स कर्मको माफ़ करते हैं। वहाँका रहनेवाला संघ विवाद करता है- (३) प्रव्राजनीय कर्मको माफ़ी १-"भिक्षुओ! यहाँ एक भिक्षुका संघने प्रव्राजनीय कर्म किया है । (तब वह) ठीकसे रहना है० प्रब्राजनीय कर्मकी माफ़ी चाहता है । वह अधर्मसे वर्ग हो उसके प्रव्राजनीय कर्मको माफ़ करते है। वहाँका रहनेवाला संघ विवाद करता है-०।" 601 । ० । 625 (४) प्रतिसारणीय कर्मकी माफ़ी १-"भिक्षुओ! यहाँ एक भिक्षुका संघने प्रतिसारणीय कर्म किया है। • वह अधर्मने वर्ग हो उसके प्रतिसारणीय कर्मको माफ़ करते हैं। वहाँका रहनेवाला संघ विवाद करता है-01 626 1" 5751 १ 1 600 २ 201" 650 (५) उत्क्षेपणीय कर्मको मानो क. “(१) भिक्षुओ ! यहाँ एक भिक्षुका संघने आपत्ति न देखने के लिये उत्क्षेपणीय कर्म किया है। वह अधर्मसे वर्ग हो आपत्ति न देखनेके लिये किये गये उसके उत्क्षेपणीय कर्मको माफ़ कर हैं। वहाँका रहनेवाला संघ विवाद करता है-०। 651 । ०" । 675 ख. “(१) भिक्षुओ ! यहाँ एक भिक्षुका संघने आपत्तिका प्रतिकार न करने के लिये उसन- १ देखो पृष्ठ ३१५-१६ । २ देखो पृष्ठ ३१६ । ३ 'तर्जनीय कर्म' (पृष्ठ ३११) की तरह यहाँ भी वाक्योंकी योजना समझो । ५ देखो पृष्ठ ३१७ तर्जनीय कर्मकी माफ़ीके संशोधनको तरह यहाँ भी वाक्योंकी योजना समझो।