पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/४२८

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O . २०११३ ] पारिवासिकके व्रत [ ३६९ सहित अन्-आवासये, भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवासमें नहीं जाना चाहिये ; (४६) ० भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवाससे, भिक्ष-सहित आवासमें नहीं जाना चाहिये; (४७) • भिक्षु-सहित आवास या अन्आवाससे भिक्षु-सहित अनावासमें नहीं जाना चाहिये; (४८) • भिक्षु-सहित आवास या अन्आवाससे, जहाँ अनेक आवासबाले भिक्ष हों वैसे भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवासमें नहीं जाना चाहिये । "भिक्षुओ! (४९) पान्विासिक भिक्षुको भिक्षु-सहित आवासमे, जहाँ एक आवासवाले भिक्षु हों और जिसके लिये जानता हो कि वहाँ आज हो पहुँच सकता हूँ वैगे भिक्षु-सहित आवासमें जाना चाहिये; (५०) ० भिक्षु-सहित आवासमे ०, भिक्षु-सहित अन्-आवासमें जाना चाहिये; (५१) भिक्षु-सहित आवासमे० भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवासमें जाना चाहिये; (५२) ० भिक्षु-सहित अन्-आवासये, भिक्षु-सहित आवागमें जाना चाहिये; (५३) • भिक्षु-सहित अन्-आवाससे, भिक्षु- सहित अन्-आवासमें जाना चाहियेः (५४) ० भिक्षु-सहित अन्-आवाससे,० भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवासमें जाना चाहिये; (५५) • भिक्षु-बहिन आवास या अन्-आवासले, भिक्षु-सहित आवासमें जाना चाहिये ; (५६) ० भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवाससे, भिक्षु-सहित अनावासमें जाना चाहिये; (५७) • भिक्षु-बहिन आवास या अनावागमे, भिक्षु-सहित आवास या अन्-आवासमें जाना चाहिये। "भिक्षुओ ! (५८) पारिवारिक भिक्षुको अदंडित भिक्षुकै साथ, एक छतवाले आवासमें नहीं रहना चाहिये : (५९) ० एक छन्नबाले अन्-आवासमें नहीं रहना चाहिये; (६०) ० एक छतवाले आवास या अन्-आबानमें नहीं न्हना चाहिये : (६१) अडिन भिक्षुको देखकर आसनसे उठना चाहिये ; आसनके लिये निमंत्रण देना चाहिये; एक साथ एक आसनपर नहीं बैठना चाहिये; (६२) अदंडित भिक्षुके नीचे आसनपर बैठे होनेने ऊँचे आसनपर नहीं बैठना चाहिये; (०) पृथ्वीपर बैठा होनेपर आसनपर नहीं बैठना चाहिये; (६३) एक चंक्रमण (-टहलनेकी जगह) पर नहीं टहलना चाहिये; (०) नीचेके चंक्रमपर टहलने बयन (स्वयं) ऊँचे चंक्रमपर नहीं टहलना चाहिये; (०) पृथ्वीपर टहलते वक्त (स्वयं) चंक्रमपर नहीं टहलना चाहिये । "भिक्षुओ ! (६८) पारिवामिक भिक्षुको अपनेमे वृद्ध पारिवासिक भिक्षुके साथ एक छत- वाले आदानमे नहीं रहना चाहिये ; ० (६९) पारिवामिक भिक्षुको अपनेसे वृद्ध पारिवासिक भिक्षुके पृथ्वीपर टहलने वक्त (स्वयं) संक्रमपर नहीं टहलना चाहिये । "भिक्षुओ ! (५०) पारिवासिक भिक्षुको अपनेसे वृद्ध मूल मे प्रति कर्पणा है भिक्षुके साथ एक छतबाले गवानमें नहीं रहना चाहिये ; ० । "भिनओ ! (५६) पान्बिानिक भिञ्जको अपनेगे वृद्ध मा न त्या हं भिक्षुके साथ एक छतवाले आदाममें नहीं रहना चाहिये । ०१ । "भिक्षुओ! (८२) पारिवामिक भिक्षुको अपनेने वृद्ध मा न त्व चा रि क भिक्षुके साथ एक छनवाले, आवागमें नहीं रहना चाहिये ; ० "भिक्षुओ ! (८८) पारिवामिक भिक्षुको अपनेमे वृद्ध आह्वा नाई भिक्षुके माय एक छत- वाले आदासमें नहीं रहना चाहिये ; (५३) पारिवानिक भिक्षुको अपनेमे वृद्ध आह्वानार्ह भिक्षुके भूमिपर टहलते दयत (म्वयं) चंक्रमपर नहीं टहलना चाहिये । ! - 9 इस पैरामें “जहाँ एक आवासवाले भिक्षु हों, और जिसके लिए जानता हो कि वहाँ आज ही पहुंच सकते हैं." नवमें दोहराना चाहिए ।